Monday 23-12-2024

नगर पालिका में नहीं हो रहा आयोग और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का पालन

Posted By Vinod Kewat
  • Updated Tuesday May 14 2024
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नगर पालिका में नहीं हो रहा आयोग और वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का पालन

सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 (आर टी आई) को देश में लागू हुए लगभग 19 वर्ष हो चुके है। इन 19 वर्षों में प्रदेश सहित देश में भ्रष्टाचार और अनियमित्ताओं के कई खुलासे आर टी आई में हुए है। अधिनियम के लागू होने के साथ इनके पालन के लिए विभागों में लोक सूचना अधिकारी, वरिष्ठ अधिकारी को अपीलीय अधिकारी और प्रदेश में आयोग बनाएं गएं। लेकिन मार्च 2024 में मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के कार्यकाल समाप्ति के बाद से प्रदेश के संचालित विभागों में अधिनियम का पालन सहीं ढग़ से नहीं हो रहा है। ऐसी ही मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले की नगर पालिका परिषद है, जहां से जानकारी लेना मानों मुश्किल हो गया है। क्योंकि नगर पालिका परिषद नर्मदापुरम की शाखाओं में पदस्थ बाबू किसी प्रकार के आदेशों को मानने को तैयार नहीं है। जो न तो मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के द्वारा पारित आदेशों का पालन कर रहे है और न हीं संयुक्त संचालक के आदेशों का पालन कर रहे है। जिसके चलते आवेदकों को जानकारी नहीं मिल पा रही है और आवेदक परेशान हो रहे है। विभाग की मुखिया मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्रीमती हेमेश्वरी पटले भी आवेदकों को जानकारी देने के लिए शाखा में पदस्थ बाबूओं को निर्देशित करती रहती है लेकिन जो बाबू आयोग के आदेश को नजरअंदाज कर देते है वह कैसे सीएमओ के आदेश मानेगे। नगर पालिका परिषद भारी वित्तीय अनियमित्ताओं पर प्रकाशित खबर के बाद नपा ने मानों मन बना लिया है कि अब आवेदक चाहे कहीं शिकायत कर दे जानकारी नहीं दी जाएगी। जिसके चलते आवेदक के आवेदन को निरस्त करने के लिए बेतूके जबाव देना और ज्यादा राशि जमा करवाना और आवेदक से राशि नहीं लेने जैसी हरकते करने लगे है। 

यह है मामला 

आर टी आई में आवेदक ने 01 सितंबर 2022 को आवेदन लगाकर सीएम हेल्पलाईन में दर्ज शिकायत को बंद करने के लिए कार्यालय द्वारा दर्ज निराकरण की जानकारी मांगी थी। जिस पर नपा ने जानकारी नहीं दी जिसके बाद आवेदक ने संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग नर्मदापुरम संभाग में प्रथम अपील लगाई। संयुक्त संचालक ने 14 नवंबर 2022 को सीएमओ को आदेशित किया कि आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी 10 दिवस में निशुल्क दी जाएं। 10 दिन में जानकारी नहीं मिलने पर आवेदक ने नगर पालिका के विरूद्ध द्वितीय अपील मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग भोपाल को पेश कर जानकारी दिलाने की गुहार लगाई। आयोग ने अपील की सुनवाई करते हुए 14 सितंबर 2023 को आदेश पारित किया कि आवेदक को एक माह में जानकारी उपलब्ध कराई जाएं। लेकिन 7 महीने बीत जाने के बाद भी आवेदक को नगर पालिका ने जानकारी तक उपलब्ध नहीं कराई। आयोग के पारित आदेश का पालन नगर पालिका सीएमओ से कराने के लिए कलेक्टर नर्मदापुरम को 12 अप्रैल 2024 को आवेदन दिया गया। कलेक्टर ने उक्त आवेदन पर संज्ञान लेते हुए जिला शहरी विकास अभिकरण नर्मदापुरम के द्वारा 24/शा.वि./2024 दिनांक 18 अप्रैल 2024 पत्र जारी कर 3 दिन में जानकारी आवेदक को देने के लिए सीएमओ नर्मदापुरम को निर्देश दिए गए। आर टी आई में जानकारी लेने के लिए नगर पालिका के दो वर्षों से चक्कर काट रहे आवेदक को जानकारी नहीं देना कहीं न कहीं कार्यालय में हुए अनियमित्ता को छुपाना जाहिर कर रहीं है।

शाखा प्रभारी दे रहे बेढग़े जबाव

आवेदकों का आर टी आई में जानकारी न मिल सके जिसके लिए कार्यालय की शाखाओं में पदस्थ बाबू बेढग़े जबाव देकर आवेदन निरस्त कर रहे है। नगर पालिका के द्वारा जारी पत्र की जानकारी आर टी आई में मांगी जिस पर नपा ने आवेदक का आवेदन इस आधार पर निरस्त कर दिया कि इस प्रकार का कोई भी पत्र राजस्व शाखा से जारी नहीं किया गया है। जबकि जिस पत्र की जानकारी चाही गई थी वह नगर पालिका की जावक पंजी पर दर्ज है। ऐसे में बेतूके जबाव देकर आवेदनों को नपा निरस्त कर रहीं है और जानकारी छुपाकर बड़े भ्रष्टाचार और अनियमित्ताओं को छुपा रहीं है।

नपा कर्मचारी नहीं ले रहे राशि 

आर टी आई में आवेदकों को मानसिक और आर्थिक परेशान किया जा रहा है। आर टी आई में जानकारी मांगने पर नपा ने आवेदक को जानकारी के पेज निर्धारित कर 6500/- रूपए जमा करने का लेख किया।  लेकिन जब आवेदक राशि जमा करने गया तो उससे राशि नहीं ली गई। नपा की आर टी आई शाखा में पदस्थ पंकज बरगले ने आवेदक को यह कह कर राशि नहीं ली कि आपके आवेदन की नोटशीट गौरव वर्मा के पास है उनके पास से जब आएगी जब राशि जमा करना। तीन दिनों तक कार्यालय के चक्कर काटने के बाद आवेदक ने सीएमओ श्रीमती हेमेश्वरी पटले को बताया कि आर टी आई शाखा में मुझ आवेदक से राशि नहीं ली जा रही है तो उन्होंने कहा कि मैं दिखवाती हूं आप कार्यालय अधीक्षक प्रशांत जैन से मिल लें। नपा के द्वारा बताई गई राशि जमा कराने के शाखा प्रभारी को निर्देश देने की जगह आवेदक को शाखा-शाखा भटकाया जा रहा है। नगर पालिका ने इससे पहले भी जानकारी देने के एवज में लगभग 2000/- रूपए की राशि आवेदक से ज्यादा जमा करवाई जो कि नगर पालिका ने आवेदक को 7 महीने के बाद लौटाई। .


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